कोई अर्जियां नहीं मांगता है, भगवन से झूठ बोलने के बाद,
सर हमेशा झुकता है,किसी का दिल दूखाने के बाद,
भले ही थोड़ी देर कि रहत मिलती हो,ख़ुशी मिलती हो,
किसी को दर्द देने के बाद,
मगर वो कभी नहीं उठ पता है,अपने अंतर्मन से,
किसी का दिल दूखाने के बाद!!!!
नासमझ नहीं हैं वो, मैं ये जानता हूँ,
नासमझ हम नहीं,ये समझती हैं आज,
सोचती हैं, कुछ भी कह देंगी, मान लेंगे हम,
मगर कुछ कहते नहीं,इसका ये मतलब नहीं,
कि मैं समझता नहीं इनके कुछ कहने के बाद,
कोई अर्जियां नहीं मांगता, भगवन से जूठ बोलने के बाद!!!!
धोका देना कितना आसान होता हैं,लोग ये कैसे समझ लेते हैं,
प्यार में कितना दर्द होता हैं,तो लोग ये कैसे दे लेते हैं,
धोका खाते-खाते, प्यार करते-करते ये जिंदगी कहाँ खो गयी,
बस फरक उनको न पड़ा जो बस,मूर्ति के सामान बस अलविदा कहकर चली गयी,
कोई अर्जियां नहीं मांगता ,भगवन से जूठ बोलने के बाद!!!!
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