Abhishek Maurya

Abhishek Maurya

Wednesday, December 21, 2011

teri yaadein....

मैं आज रोना नहीं चाहता, फिर क्यों ये आसूं निकलते हैं,,
मैं आज तुझको याद नहीं करना चाहता, फिर क्यों ये तुझको याद करते हैं,,
मैं आज हसना नहीं चाहता, फिर तेरी यादें मुझको क्यों हसाती हैं,
मैं आज तुझसे दूर नहीं होना चाहता,,फिर क्यों तू मुझसे दूर जाती है...


मैं आज ख़ामोशी में जीना नहीं चाहता, फिर क्यों तेरी तन्हाई मुझको ख़ामोशी दे जाती है,,
मैं आज तरपना नहीं चाहता, फिर क्यों तू मुझको तरपती है,,
मैं आज आइना नहीं देखना चाहता, फिर क्यों तू मुझे आइना देखने को मजबूर करती है,,
मैं आज सोना नहीं चाहता, फिर क्यों तू मुझे सोने को मजबूर करती है,,


मैं आज तेरे बिना जीना  चाहता हुईं,,फिर क्यों वापस जिंदगी में आते हो,,
अब जीना मैंने सिख लिया,, फिर क्यों इस जिंदगी को दोबारा वही बनाते हो,,


तेरे दिल के कोने में मैंने कुछ आज तक नहीं देखा,,तब भी एक यकीन से कहता हुईं,,
की उस दिल में आज भी एक कोने में मेरा अक्स आज तक रहता हैं,,
जो तुझको भूलने नहीं देता मेरी वहीँ यादें,,
आज जब भी देखती है तू आईने में अपना अक्स,,
तुझको तू नहीं,,किसी और का चेहरा है दीखता,,जो मिलता हुबहू किसी अपने के जैसा,,
मैं ये नहीं कहता की वो अक्स मेरा हो सकता है,,मगर जरा ध्यान से देख,,
कहीं उसका नज्र मुझसे तो नहीं मिलता,
कहीं उसका नज्र मुझसे तो नहीं मिलता,....


(to be continued..)



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