Abhishek Maurya

Abhishek Maurya

Thursday, July 5, 2012

काश....

हम मिलेंगे किसी साहिल के छोड़ पर,,,
खुले आसमान के नए आवाम में,,
समंदर को न ख़तम होते हुए देखते--देखते,,,
अपने प्यार को याद करते-करते,,,
कुछ यादों के फलसफे बयाँ करते--करते,,,
एक दुसरे की बाहों में सिमटे हुए,,,
कहीं न कहीं से,,,हर समय साथ रहे,,,
उस समय ये एहसास हो ,जाए,,
की सिर्फ तुम मेरी हो और मैं तेरा हूँ,,
हम दोनों जीते है तो सिर्फ साथ में रहने के ,लिए,,

किसी से कुछ न ,पूछे कभी,,
साथ में चलते रहे मिलो दूर,,,
बेवजह प्यार ,करे,,
दूरियों को कोई निशाँ न हो,,,
इतने करीब हम हो,,,
मैं तेरा,,,ये तुम मेरे हो,,,
इसमें भी कोई संचय न हो,,,
राशी भी सोचे की ये किसकी भविष्य को बताये,,,
राहें भी हमारी एक जैसी हो,,,
जिस राह में चले,,,वो हमारे मिलन की ही एक रेखा हो,,,
भाव्यजाल में डूबे रहे,,,किसी से कुछ न पूछे,,,

जब हाथ हो मेरे तेरे हाथ में,,,
तो किसी चीज की कमी न हो,,,
तेरे प्यार के रंग में अपना रंग का कोई मतलब न हो,,,
उस नए विधमान भविष्य का एक अलग ही अतिशयोक्ति हो,,,
की तुम मुझमे या मैं तुझमे हुईं,,,
इसका भी एहसास अब हम दोनों में न हो।.....

काश तुम मेरे साथ ,होती,,
तो ये दिन और ये रात,,,,
भी सिर्फ अपने होते,,,
और हम साथ में होते।.....

Love u .......

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