Abhishek Maurya

Abhishek Maurya

Monday, July 23, 2012

टुटा दिल भी कभी कुछ बयां करता है,
सुनोगे उसको तो वो भी अपनी कहानी कहता है,,
किस्से तो बहुत है प्यार के किताबो में पड़ने लायक,,
मगर पड़ने के बाद इसका दर्द असली पता चलता है।......

शायर हूँ मैं,,बहुत नामोशुराब का,,,
सब देख के ही मुझको बड़ा अच्छा लगता है,,,
जब सुनाता हूँ मैं अपनी लिखी हुई पंक्तियाँ तुमको शब्दों में उतार के,,,
समझे कोई,,या न समझे कोई,,मगर तालियों की गूँज में अबोशाराब दीखता है,,,
जब बैठी होती है तस्र्रीफ लगाये तुम मेरी महफ़िल में,,,
तब अपनी लेखनी में एक अलग मंद ग्रवित मिलता है।.....

तुमको चाहने और पाने में बहुत फर्क था लेकिन,,
इस बात को समझने में पूरी उम्र निकल गयी भी लेकिन,,
हाथों की लकीरों को समझा दिया है अगले जनम के लिए ,,
आना तो उसका नाम लेके आना मेरी किस्मत में,,,
वर्ना इन हाथों में तुम कोरे ही बन के आ जाना,,,
मुझको अपने कर्मो में घमंड नहीं है लेकिन,,
मगर तुझको पाने के लिए इन हाथों में भी तुमको रच दूंगा,
होंगी इतनी गहरी रेखाए वो मेरे हाथ में,,,
की खुदा भी सोचेगा की इश्क बनाके  उसने गलत किया।.....


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