Abhishek Maurya

Abhishek Maurya

Saturday, September 25, 2010

Tum hamare kya ho????

तुम हमारे क्या हो,ये हमको जना न है,
हमारे बीच क्या रिश्ता है,ये हमको पता न है,
मगर दर्द जब होता है इस दिल में,
याद ये तझको सिर्फ करता है,
आंसूं जब ये निकलते हैं,
तो नाम ये तेरा ही क्यों लेते है,
नाम ये तेरा ही क्यों लेते हैं!!


तुम हमारे क्या हो.........


खोकर मैं जब खोता हू,
तुझको सिर्फ मैं क्यों देखता हूँ,
क्या अंजुमन में दिल है मेरा,
तेरे नाम से ही ये दिल क्यों धधकता है,
तेरे नाम से ही ये दिल क्यों धधकता है!!!


तुम हमारे क्या हो......


जब होता हूँ अँधेरे में,
अँधेरा भी तेरा ही नाम लिखता है,
रौशनी भी तेरे हर जगह hone का,
सबूत क्यों देता है,
सबूत क्यों देता है!!!!


तुम हमारे क्या हो.....

तारीफ़ न होती मुझसे तेरी,
तो क्या करूँ मैं,ये मुझसे न होता है,
बस तेरे लिया सब कुछ है मेरा,
अंत में ये दिल मेरा कहता है,
अंत में ये दिल मेरा कहता है!!!

तुम हमारे क्या हो.....


जान भी अगर चली गयी मेरी,
रूह मेरी भी तड़पेगी,
तेरी रूह को पाने के लिए,
ये सौ जनम भी तरसेगी.
ये सौ जनम और तरसेगी!!!!


तुम हमारे क्या हो,ये हमको जना न है,
हमारे बीच क्या रिश्ता है,ये हमको पता न है!!!!!

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