नौकरी इतनी आसान नहीं होती
जैसा लोग सोचते है
ये बहुत कुछ छीनती है
जो लोग जानते ही नहीं।
घर से हज़ारों किलोमीटर दूर
अपनों की कमी के बीच
दस से छः की किसी और की गुलामी में
अपनों की महक के बिना
कुछ गले में फंदा सा लगता है
जो लोग जानते ही नहीं।
कोई त्यौहार हो या घर में शादी कोई
कोई पैदा हुआ या मरता कोई
आप बंधे बाई लेकिन
कुछ दिन के अवकाश में
और जाल के कुछ दिन जीने की तलाश में
लेकिन कुछ पीड़ा दिल में ही पड़ी रहती है
जो लोग जानते ही नहीं।
खबर मिलती है बाप नहीं रहा
बेटा बैठा विदेश में नौकरी कर रहा
अंतिम चेहरा भी देखने को नहीं मिलता है
ये दर्द कौन समझता है
जो लोग जानते ही नहीं।
हाँ पैसे से तो सुकून है
दुनिया भी आधी घूम डाली है
गाँव के आम के पेड़ो की छाँव को छोड़ के
ममता के हृदय भाव को छोड़ के
क्या क्या खोया है क्या क्या पाया है
जो लोग जानते ही नहीं।
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