कैसी अंजुमन है अब दिल में ,,
या डर लग रहा है मुझे,,
खुश हूँ मैं यहाँ कहीं,,
कि घबरा रहा हूँ मैं,,,
सपने मेरे फिर से बन रहे है,,
या सपने फिर से धूमिल हो रहे है,,
ये एक नए जीवन की राह है,,
या नए जीवन की नाव डगमगा रहा है….
हाथ की लकीरों को फिर से बनते देख रहा हूँ मैं,,
या मेरे विनाश की ओर मुझको लिए जा रहा है,,
अल्फाज में लब पे है,,
फिर ये कहे क्यों नहीं जा रहे है,,
मैं भ्रमजाल में हूँ,,या बाहर निकल रहा हूँ मैं,,
ये समझ में मुझको नहीं आ रहा है।
उठने वाला हूँ मैं,,या सोने वाला हूँ मैं,,
इस जीवन के पथ पर जग के सोने वाला कहीं बन तो रहा नहीं मैन…
कैसी अंजुमन है अब दिल में ,,
या शायद घबरा रहा हूँ मैं .....
या डर लग रहा है मुझे,,
खुश हूँ मैं यहाँ कहीं,,
कि घबरा रहा हूँ मैं,,,
सपने मेरे फिर से बन रहे है,,
या सपने फिर से धूमिल हो रहे है,,
ये एक नए जीवन की राह है,,
या नए जीवन की नाव डगमगा रहा है….
हाथ की लकीरों को फिर से बनते देख रहा हूँ मैं,,
या मेरे विनाश की ओर मुझको लिए जा रहा है,,
अल्फाज में लब पे है,,
फिर ये कहे क्यों नहीं जा रहे है,,
मैं भ्रमजाल में हूँ,,या बाहर निकल रहा हूँ मैं,,
ये समझ में मुझको नहीं आ रहा है।
उठने वाला हूँ मैं,,या सोने वाला हूँ मैं,,
इस जीवन के पथ पर जग के सोने वाला कहीं बन तो रहा नहीं मैन…
कैसी अंजुमन है अब दिल में ,,
या शायद घबरा रहा हूँ मैं .....
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