Abhishek Maurya

Abhishek Maurya

Sunday, June 16, 2013

बारिश....

आज बारिश देख के फिर से जीने का मन करता है ,,
आज से जोर जोर से गाने गाने का मन करता है,,
आज तेरे घर के सामने आके तेरा नाम चिलाने का मन करता है,,
आज फिर से अपना बचपन जीने का मन करता है,,
आज फिर से उछल कूद के नहाने का मन करता है,,
आज फिर से तेरे साथ भीगने का मन करता है,,
आज फिर से तुझको गले लगाने का मन करता है,,
आज फिर से किसी को माफ़ करने का मन करता है,,
आज फिर से किसी से ,माफ़ी मांगने का मन करता है,,
आज फिर से प्यार करने का मन करता है,,
आज फिर से तुझको प्यार करने को मन करता है,,
आज फिर से खुश रहने का एक बार और मन करता है,,
आज फिर से सरे गमो को भूलने का मन करता है,,
आज फिर से दुनिया को भूलने का मन करता है,,
आज फिर से मंदिर जाने का मन करता है,,
आज फिर से शैतानी करने का मन करता है,,
आज फिर से कुछ कर दिखने का मन करता है,,
आज फिर से कुछ नया पाने को मन करता है,,
आज फिर से पूरी दुनिया को अपनी मुठी में करने का मन करता है,,
आज फिर से अपनी प्रकृति को शुक्रिया करने का मन करता है,,
आज फिर से इश्वर से प्राथना करने को मन करता है,,
आज फिर से माँ के चरण स्पर्श करने का मन करता है,,
आज फिर से पिताजी को अपना उनके लिए प्यार बताने का मन करता है,,
आज फिर से एक बार जीने का मन करता है,,

ये बारिश अक्सर क्यों आती है,,और जब आती है,,
तो सरे पुराने रिश्तों को आपके सामने रूबरू कराती है,,
उनके लिए प्यार दिखलाती है,,और सब कुछ भूल जाने की प्रेरणा दिखाती है…

आज बारिश देख के फिर से जीने का मन करता है ,,
आज बारिश देख के फिर से जीने का मन करता है ....


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