Abhishek Maurya

Abhishek Maurya

Sunday, June 16, 2013

तरिक्की ....

अक्सर मैं अपनी तरिक्की से पूछता हूँ,,
कि तुझको पाके मैंने  खोया भी बहुत कुछ,,
क्या लौटा पाओगे मुझे वो सरे पल,,
जब तुझको पाने के लिए मैं खो रहा था वो सब सुन्हेरे पल…

समय की रख में मैं खुद खो गया हूँ,,
तरिक्की की उचाई में सब कुछ खो गया हूँ,,
क्या लौटा पाओगे वो हसीन पल,,
जो तुझको पाने के लिए मैं खो रहा था वो हसीन पल…।

बचपन की लोरिया,,बचपन के खेल कूद,,
बचपन की वो शैतानिया,,बचपन की वो डांट ,,
नानी के यहाँ के आम,,मौसी के यहाँ की वो छत ,,
जिसमे हम जीते थे बारिश के वो हसीं पल,,

क्या लौटा पाओगे वो हसीन पल,,
जो तुझको पाने के लिए मैं खो रहा था वो हसीन पल…।

वो जन्मदिन पे सबसे कुछ कुछ न कुछ पान,,
राजकुमारो की तरह अधिकार दिखाना ,,
साडी मांगों को अपने सामने मंजूर करना,,
धरती आकाश को निचा दिखाना,,

क्या लौटा पाओगे वो हसीन पल,,
जो तुझको पाने के लिए मैं खो रहा था वो हसीन पल…।

वो बचपन का पहला प्यार,,
उसको अपने हाथों से बनाया गया कार्ड दिया जाना,,
उसके घर का पता न होने पे,,
उसके घर का छुप छुप के उसके पीछे जाना,,
मालूम अगर उसको हो जाए,,
तो अपनी मम्मी से डांट खाना,,

क्या लौटा पाओगे वो हसीन पल,,
जो तुझको पाने के लिए मैं खो रहा था वो हसीन पल…।

वो कॉलेज में बिताये दोस्तों के साथ हसीन  पल,,
लास्ट बेंच पे बैठ के सोना,,
दोस्तों से लड़कियों के बारे में अजीब-तरिब बातें बनाना,,
नौकरी की टेंशन में दो तीन बियेरें पी जाना,,

क्या लौटा पाओगे वो हसीन पल,,
जो तुझको पाने के लिए मैं खो रहा था वो हसीन पल…।

जवानी का वो पहला प्यार,,
दिल का धडकना अजीब सा वो पहली बार,,
उसको अपने दिल की बात बताना,,
उसको हमे मन कर देना,,
फिर भी उसको मनाना ,,
फिर उसको हाँ बोल जाना,,
फिर उसके साथ सिर्फ और सिर्फ सैर लगाना,,
बाइक में बैठ के बारिश में बिताये गए वो पल…

क्या लौटा पाओगे वो हसीन पल,,
जो तुझको पाने के लिए मैं खो रहा था वो हसीन पल…।

उसका हमे अपने घर के डर से मना  कर जाना,,
कहते है बार बार प्यार है तुमसे ,,,
पर घर के खिलाफ नहीं है जाना,,
हमारा देवदास बन जाना,,
दुनिया में कोई नहीं है अपना ये बार बार दोस्तों को याद दिलाना,
फिर भी उन्ही के साथ पीना और पिलाना,,
फिर अंत में मान जाना,,
की हसी रोने के किस्से है,,
कुछ भी सार नहीं बाबा,,,
लेकिन उनका अपनी जिंदगी में गहरा चाप छोड़ जाना,,

क्या लौटा पाओगे वो हसीन पल,,
जो तुझको पाने के लिए मैं खो रहा था वो हसीन पल…।

अब सोचता हूँ क्या जिया मैंने ,,क्या खोया मैंने,,
अब जिंदगी में कुछ रहा है,,
बीतें पलों को याद करके
सिर्फ पूछता हूँ अपनी तरिकी से एक बार फिर,,

क्या लौटा पाओगे वो हसीन पल,,
जो तुझको पाने के लिए मैं खो रहा था वो हसीन पल…।



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