Abhishek Maurya

Abhishek Maurya

Friday, April 27, 2012

Aaj rat mujhe ye jarur sikhla dena......(continue..)

this is the blog continued from date

saturday, july 24, 2010

तुमने कहा खुश रही हमेशा,
मैं हमेशा खुश रहूँ,,
ये भी मुझको ठीक है,,
मगर तेरे बिन कैसे खुश रहूँ,,
ये मुझको बतला देना,,
आज रात को ये मुझको सिखला देना...

तुमने कहा की भूल जाओ मुझको,
मैं तेरे लिए बनी नहीं,,
तू मेरी न थी,,थी मेरी कभ भी नहीं,,
ये भी मुझको ठीक है,,
मगर तुझको भुलाने के बाद मैं कैसे अपने आपको याद रखूं,,
ये मुझको बतला देना,,
आज रात को ये मुझको सिखला देना...

तुमने कहा अब मेरे बगैर जीना सिख लो,,
चलो आज मैंने जीना सिख लिया,,
ये भी मुझको ठीक है,,
मगर साँसों के बिना कैसे जिया जाता है,,
ये मुझको बतला देना,,
धड़कन के बिना कैसे रहा जाते है,,
ये मुझको बतला देना,,
आज रात को ये मुझको सिखला देना...

तुम हर बात पे शुक्रिया जरती हो,,
जब जानती हो की गावरान नहीं मुझको,,
अब सुनना भी सिख लिया,,
ये भी मुझको ठीक है,,
मगर कैसे अपने आईने के अक्स का चेहरा धो लूं,,
ये मुझको बतला देना,,
आज रात को ये मुझको सिखला देना...

तुम कहती हो की आंसूं तेरे चेहरे प् जचते नहीं,,
मत बहाया करो इनको मुझपे,,
चलो आज से आंसूं एक भी नहीं गिरेगा,,
ये भी मुझको ठीक है,,
फिर भी,इनको बहाने में तुझको क्या मजा आता है,,
मुझको रुलाने में क्या ख़ुशी मिलती है तुझको,,
ये मुझको बतला देना,,
आज रात को ये मुझको सिखला देना...
 
(for my love..I love you always with the whole feelings of my heart and continue doing this till the end of my life... AMEN....)

( to be continued....)



1 comment: