Abhishek Maurya

Abhishek Maurya

Sunday, September 20, 2015

क्या सब कुछ ठीक है??

..घर से कोशो दूर नौकरी कर रहें,,

पूछते है घर में एक डर की ध्वनि से,,

क्या सब कुछ ठीक है??

हालचाल बढ़िया है न??

जवाब इन प्रश्नो का कभी न मिला,,

जवाब तो बस ये मिला,,

खाना पीना सही समय से खाते हो??

तबियत का ख्याल रखते हो??

प्रश्नो के जवाब प्रश्नो से मिलते रहे,,

कोशो दूर नौकरी में सिर्फ जुठ सुनते रहे!!!





अखबारों में पड़ते अपने प्रदेश की खबर से,,


घर के माहौल को समझते रहे,,

जब भी सुनते है कुछ खबर डरावनी सी,,

तो अपने घर को याद कर लिया करते हैं,,

िफ़र भी प्रश्नी के जवाब प्रश्नो से मिलते रहे,,

कोशो दूर नौकरी में सिर्फ जुठ सुनते रहे!!!





माँ के आलिंगन से दूर होते गए,,


पिता की क्षमता को भूलते गए
,,
जो राखियां बंधती  थी कलियों पर सीधे,,

अब वो पोस्ट में चन्दन लगा के आती है,,

प्रश्न पूछते है कि ,, प्यार बता है क्या??

जवाब फिर प्रश्नो में तब्दील हो गये,,

प्रश्नो के जवाब प्रश्नो से मिलते रहे,,

कोशो दूर नौकरी में सिर्फ जुठ सुनते रहे!!!



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