तू मेरी क्या है ,,
ये मैं नहीं जानता ,,
मगर जब भी देखता हूँ,,
आइना मैं कभी ,,,
तो अक्स सिर्फ तेरा ही दिखता है ,,
इस से साबित क्या होता है,,
ये मैं नहीं जानता मगर,,,
इस में मेरी सांसें रहे या न रहे कभी,,,
जिन्दा मैं तेरी साँसों से रहूँगा ,,
इसका भरोसा है अभी .....
मालूम है इस दिल की बात कहने में मुझे बहुत डर लगता है,,,
इसीलिए सोचता हूँ की आस पास फिजायें तुझसे मेरे दिल के बात कह दे,,,
जब भी बात करता हूँ मैं तेरा बारें में उनसे ,,,
अक्सर वो शर्मा जातें है,,
पूछते हैं जब भी वो मुझसे तेरा पता अक्सर,,
मेरे आंसुओं को देख के वो चुप हो जाते है,,,,
समझते है शायद वो सब कुछ ,,,
इसीलिए उसके बाद कुछ नहीं पूछते है,,,
सोचता हूँ हर घडी मैं एक ही बात,,,
क्या लम्हे तेरे भी वैसे कटते है जैसे मेरे यहाँ कटते है,,,
आंसू तेरे भी क्या गिरते है,,जब यहाँ मेरे छलकते है,,,
तेरा रिश्ता मेरे से भले ही टूट गया हो शायद ,,,
मगर एक पल भी तेरे बिना गवारा नहीं .....
(....memories never dies,,,,it always gives a smile on a face with tears in eyes....)
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