लाखों तालियों की गढ़गढ़ाट में,,,
जो सिर्फ मेरे लिए उठती है,,
उन लाखों तालियों के बीच में,,
मेरी आंखें सिर्फ तेरी तालियों को धुन्दती है…
तूने कहा था की मैं तेरी न हो पाऊं ,,
मगर तेरी हर महफ़िल का हिस्सा जरुर बन जाउंगी,,
आज हर महफ़िल में तनहा होकर लाखों की भीड़ में,,
सिर्फ तुझको मेरी कविता धुन्दती है….
मेरा महफ़िल में जाने का मन कभी नहीं करता है,,
बस तुझको एक बार देखने के लालच में हर महफ़िल को इस्तेकबाल करता हुईं,,
हर महफ़िल में तुझने न पाने के बाद,,
ये आँखें फिर से नाम होती है,,
तुझको न देख पाने के बाद भी,,,
आँखों के नाम होने के बाद भी,,
ये अगली महफ़िल के लिए तैयार होती है,,
की उसने भरोसा किया था तेरे आने का हर महफ़िल में शायद,,
इस बार नहीं तो अगली बार तुझको देखने का अपना भ्रम,,
हर महफ़िल में तुझको देखने का भ्रम पूरी कर लेती है…।
जो सिर्फ मेरे लिए उठती है,,
उन लाखों तालियों के बीच में,,
मेरी आंखें सिर्फ तेरी तालियों को धुन्दती है…
तूने कहा था की मैं तेरी न हो पाऊं ,,
मगर तेरी हर महफ़िल का हिस्सा जरुर बन जाउंगी,,
आज हर महफ़िल में तनहा होकर लाखों की भीड़ में,,
सिर्फ तुझको मेरी कविता धुन्दती है….
मेरा महफ़िल में जाने का मन कभी नहीं करता है,,
बस तुझको एक बार देखने के लालच में हर महफ़िल को इस्तेकबाल करता हुईं,,
हर महफ़िल में तुझने न पाने के बाद,,
ये आँखें फिर से नाम होती है,,
तुझको न देख पाने के बाद भी,,,
आँखों के नाम होने के बाद भी,,
ये अगली महफ़िल के लिए तैयार होती है,,
की उसने भरोसा किया था तेरे आने का हर महफ़िल में शायद,,
इस बार नहीं तो अगली बार तुझको देखने का अपना भ्रम,,
हर महफ़िल में तुझको देखने का भ्रम पूरी कर लेती है…।
hope ur waiting will end up soon.....
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