Abhishek Maurya

Abhishek Maurya

Thursday, September 29, 2011

tera milna,,

तेरा मिलना मेरे लिए कितना खुबसूरत पल है ये कैसे बताऊँ तुझे,,
की जिस्म को आर्जूं है तेरी, ये जान ले आज मुझे,,
की कोई तो होगी दुनिया में मेरे लिए , ये किसी ने कहा था मुझे,,
मगर मुझे आज उस बात से कोई लेना देना नहीं,,
की आज तेरा साथ है,, तेरा जिक्र हैं मेरी धडकनों में,,
तू शब्द है मेरे अल्फाजों की , मेरे सांसों की महक में तू,,
सिर्फ ये ही जान ले तू मुझे,,

तेरा मिलना मेरे लिए कितना खुबसूरत पल है ये कैसे बताऊँ तुझे,,..

आज ख़ुशी हो रही है मुझे जानती हो क्यों,,
की दिल मेरा खुश है ये जान के तू भी कहीं आस पास हैं मेरे,,
की अब मैं हर समय महसूस कर सकता हु अपनी बाहों में कभी भी, कहीं भी,,
आज तुझे जाने न दूंगा,,ये भी हिमाकत कर सकता हु ,,
तू मुझे बहुत चाहती है,, ये दुनिया से तू आज कह सकती है ,,
बस इसी बात से खुश हुईं मैं,,,की तू हर समय मेरी सांसों में बसने लगी है,,
की आज कोई न हैं तेरे मेरे बीच में ,,सिर्फ तू हैं मेरी निगाह में और मैं हु तेरे अश्कों की उन सम्भियत में..

तेरा मिलना मेरे लिए कितना खुबसूरत पल है ये कैसे बताऊँ तुझे,,..

आज किसी ने कहा,,की उसको तुझे से मिलने की बड़ी चाहत है,,
जानती हो क्यों ,,क्योंकि वो मुझसे जलता है कभी-कभी,,
की तेरे बातों के अलावा मेरे पास कोई जिक्र ही नहीं होता है ,,
वो जलते हैं की ऐसा कौन है मेरे पास तेरे जैसा प्यार करने वाला शक्श,,
की दुनिया में नया आवाम नए नाम का हो जायेगा,,
मगर कैसे मिलवा दूँ मैं तुझको उनसे, की वो नहीं देख सकते तुझको मेरी आँखों से,,
वो भ्रम समझते हैं मेरा , की तू दुनिया में कहीं नहीं है,,
कैसे समझों उन लोगों को जो हमेशा आँखों को देखना ही सच समझते हैं,,
की तू मेरे लिए क्या हैं,,ये वो कभी नहीं समझते हैं,,ये वो कभी नहीं समझते हैं,,,

तेरा मिलना मेरे लिए कितना खुबसूरत पल है ये कैसे बताऊँ तुझे,,..

पता है तुझे आज रोया था मैं ,,अरे तुम मत रो,, परेशां मत हो,,
बस तुझे याद करके ,,तेरे साथ बिताये उन पलों को याद करके रोयाँ था मैं,,
कोई नहीं ,, दिल में कोई दर्किरार नहीं है  अभी,,
की तब मिलते थे हम छुप-छुप के कहीं दूर,,की कोई देख न ले हमे,,
मगर आज कोई नहीं दख सकता हमे कहीं भी,,
की तू सिर्फ मेरी एक तमन्ना है,,की तू मेरी एक आशा हैं,,की तू मेरी एक अधूरी कविता हैं,,
की जिसको पूरा करने में मैं अपनी पूरी जिंदगी काट सकता हुईं,,
काश तू होती मेरे साथ,,तो सबको दिखा सकता की कितना प्यार करता हुईं मैं मैं तुझे,,
की अब कोई गिला नहीं की अब इस दुनिया में मैं अकेला ही सही,,
की तेरा इस दुनिया को छोड़ जाने के बाद बस तेरी चाहत ही है मेरी,,
की अब तेरी वो यादों के साथ उस दुनिया में मैं अकेला ही सही,,
इस दुनिया में मैं अकेला ही सही,,,

तेरा मिलना मेरे लिए कितना खुबसूरत पल है ये कैसे बताऊँ तुझे,,..
काश तू होती ,,,,रोना मत,,,मगर आज रोता है दिल,,
की इस दुनिया में मैं अकेला ही सही.....
की इस दुनिया में मैं अकेला ही सही...


( this blog is only dedicated to my imaginative love, my imaginative partner ," AAINA".. hope you are with me...)... 

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