अन्धेरें में अश्क दिखतें नहीं, इसका ये मतलब नहीं,,
कि मैं रोता नहीं....
तुमसे निगाहें छुपाने कि कोशिश करता हु, इसका ये मतलब नहीं,,
कि मैं तुमको याद करता नहीं.....
जिमेदारियां हैनं मेरे सर पे भी, उनसे खुशगवार हु मैं,,
समझता हु उन सब को ,बस कहता नहीं तो इसका ये मतलन नहीं,
कि मैं उनको निभाता नहीं....
आईने में देखती हैं तेरी नज़र मुझको देखती हुई चुपके से,
आइना देखना अब छोड़ दिया है,इसका ये मतलब नहीं,,
कि तुमसे मोहब्बत करता नहीं...
तुम जरा सामने आओ तो सायद ये कह सकूँगा मैं तुमसे कभी,
कि अब लौट आओ, अब दिल ये कहीं लगता नहीं....
थक चूका हु कहते कहते,कि ये दिल अब कहीं लगता नहीं,
लौर आओ, लौट आओ, बस अब यहाँ मन मेरा लगता नहीं....