Monday, August 8, 2016

आदत !!

...मैं अब सोता रहता हूँ माँ,,
मुझे मेरे सर पे तेरे हाथ फेर के उठाने की आदत जो थी  ,,

मैं अब कुछ भी दिल की बातें किसी से कहता नहीं हूँ माँ,,
मुझे सिर्फ हर बात तुझको बताने की आदत जो थी,,

मुझे अब रात में नींद नहीं आती,,
मुझे तेरे सिरहाने बैठ कर लोरी सुना के सुलाने  की आदत जो थी,,

मुझे अब जीने की कोई खवाइश नहीं,,
मुझे जिंदगी  का हर कदम तेरे संग चलने की आदत जो थी,,

अब तुम नहीं हो,, तो साथ कुछ भी नहीं,,
अब मेरे पास तुझे याद करने के अलावा कोई आदत नहीं हैं  !!

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